Gods Awakening

हर व्यक्ति के मन में ऐसे प्रश्न अवश्य आते हैं कि उसके जीवन का उद्देश्य क्या है ! आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मनुष्य उन चौरासी लाख योनियों में एक ऐसा प्राणी है जो यह जानने में सक्षम है ।

हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जो ब्रह्मांड में है वह इस पिंड में है और जो इस पिंड में है वही ब्रह्मांड में है हमारा शरीर ही यह पिंड है । साथ ही सभी लोक भी हमारे भीतर ही निहित हैं यानी कि सभी तैंतीस कोटि देवी देवता हमारे शरीर में ही विद्यमान हैं ।

इस मृत्युलोक में सिर्फ दो ही ऐसे प्राणी है एक गाय और दूसरा मनुष्य जिनमें सभी देवी देवता वास करते हैं। लेकिन यह सिर्फ मनुष्य ही है जिसको यह क्षमता प्राप्त है कि वह इन सभी देवी देवताओं को अपने भीतर जागृत कर उनको अनुभव कर और उनकी कृपा को प्राप्त कर सकता है ।

यदि हम इन सभी देवी देवताओं को अपने भीतर जागृत करने में सफल रहे तो न सिर्फ हमारा यह भौतिक जीवन बहुत ही सफल सुफल और सरल हो जाएगा बल्कि हमारी आध्यात्मिक उन्नति भी बहुत तेजी से होगी। आध्यात्मिक उन्नति या संपूर्णता से मानव का भौतिक जीवन तो सफल होगा ही, वह अपने परम लक्ष्य नर से नारायण बनने की ओर सहजता से बढ़ने लगेगा।

ईश्वर के जागरण का हमारा यह दिव्य शिविर जिसका उद्देश्य ही आत्म साक्षात्कार की ओर है, एक ऐसा कार्यक्रम होगा जिसमें आप अपने भीतर के उन सभी दैवी शक्तियों को जागृत कर अपने भीतर उस दिव्यता का अनुभव व विस्तार करेंगे । यह ध्यान कार्यक्रम ऐसे दिव्य स्थान पर हो रहा है जहां पर वेदों की रचना हुई है जो कई ऋषियों और मुनियों की तपस्थली रही है ।

इस दिव्य और अनूठे शिविर में आप भी उपस्थित होकर इस का एक अभिन्न अंग बनकर आप भी अपने भौतिक और आध्यात्मिक जीवन को परिपूर्णता की ओर सहजता से ले जाने का प्रयास करें ।